साहिबगंज, अप्रैल 20 -- साहिबगंज। ईस्टर पर्व ईसाई समुदाय के लिए अनंत जीवन पाने की आशा का दिन है। बाइबल के अनुसार यीशु मृत्यु के तीसरे दिन जीवित हो गये थे। इस संबंध में रेव्ह दानियल मुर्मू ने बताया कि पहले के विद्वानों ने और स्वयं यीशु ने भी अपनी मृत्यु और जीवित होने के विषय में बताया था। उन्होंने कहा कि सप्ताह के पहले दिन अहले सुबह जब दो महिलाएं यीशु की मृत देह पर इत्र लगाने पहुंची तो देखा कि कब्र पर रखा पत्थर वहां नहीं था और कब्र खुला हुआ था। मृत देह को चोरी से बचाने के लिए वहां पहरा देने वाले सैनिक भी थे। जब महिलाएं अंदर गयी तो कब्र खाली था। उसी समय दो स्वर्गदूत आए और उनसे कहा कि 'तुम जीवित को मृतकों के बीच क्यों ढूंढती हो? स्वर्गदूतों ने कहा कि यीशु जी उठे हैं और गलील शहर चले गए हैं, जहां वे अपने शिष्यों से मिलेंगे।' रेव्ह दानियल ने कहा...