संभल, फरवरी 25 -- चंदौसी। मानव जीवन का एकमात्र उद्देश्य परमात्मा की सच्ची भक्ति करके मोक्ष प्राप्त करने का है। इतिहास साक्षी है कि कठिन तपस्या से कई महापुरुषों ने अपने पूर्वजों का उद्धार कराया है। यह सद विचार श्रीमद्भागवत कथा के दौरान रजनीश शास्त्री ने व्यक्ति किए। गांव आटा में हो रही श्रीमद भागवत कथा के चौथे दिन कथा व्यास ने ध्रुव के जीवन का प्रसंग सुनाते हुए उन्होंने कहा कि ध्रुव ने कठोर तपस्या की, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें पृथ्वी पर राज्य प्राप्त हुआ, वह राजा बने और फिर भगवान के वरदान के रूप में स्वर्ग में जगह मिली। माता के बताने पर ध्रुव ने जंगल में तपस्या की और भगवान को प्राप्त किया। इसी तरह भक्त प्रहलाद ने भी अपनी भक्ति से भगवान को प्राप्त किया। भगवान स्वयं नृसिंह का रूप लेकर प्रहलाद की रक्षा के लिए पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि आज तक ...