छपरा, अक्टूबर 6 -- फोटो- 4- तरैया परौना में आयोजित श्री शतचंडी महायज्ञ में प्रवचन करते मधुकर जी महाराज तरैया। ईश्वर की प्राप्ति के लिए सच्चे मन और सच्चे भाव से भक्ति व आराधना आवश्यक है। भक्त प्रह्लाद को भी भक्ति के बल पर ही मुक्ति प्राप्त हुई थी। उक्त बातें अंतरराष्ट्रीय कथावाचक पूज्य मधुकर जी महाराज ने परौना पश्चिम टोला में आयोजित शतचंडी महायज्ञ के चौथे दिन रात्रि प्रवचन के दौरान कही। अपने प्रवचन में उन्होंने कहा कि भगवान के साक्षात्कार के लिए भक्ति भावना जरूरी होती है। रामकृष्ण परमहंस ने जब देवी की हृदय से आराधना की, तो स्वयं देवी प्रकट होकर उन्हें निवाला खिलाती थीं। ऐसे ही भाव से जब हम उस परम शक्ति की कथा सुनते हैं, तब ही हमें उसका सच्चा अनुभव होता है। प्रवचन के क्रम में उन्होंने महिषासुर की उत्पत्ति और उसके स्वभाव का विस्तारपूर्वक वर्...