बेगुसराय, नवम्बर 9 -- मंसूरचक, निज संवाददाता। अध्यात्म का विज्ञान धारण करना मतलब धर्म है। सनातन धर्म कल भी था, आज भी है और कल भी रहेगा। ये बातें प्रखंड के नैपुर मानशाही में शत चंडी महायज्ञ के दूसरे दिन प्रवचन करते हुए काशी के सुप्रसिद्ध कथावाचक डा. पुण्डरीक शास्त्री जी महाराज ने कहीं। उन्होंने कहा कि ईश्वर को पाने का विज्ञान ही धर्म है। उन्होंने कहा कि सत्य की स्थापना के लिए ईश्वर और धर्म को जीवन में स्थापित करना जरूरी है। विज्ञान में भी ईश्वर को पाने के लिए धर्म आवश्यक है। इससे पूर्व उन्होंने शिव तांडव स्तोत्र एवं चंडी स्त्रोत का भी पाठ किया। उन्होंने सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार, लव जिहाद व हिंदुओं की रक्षा जैसे मुद्दों पर जागरूकता अभियान चलाने का संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि युवा संन्यासियों के एक हाथ में गीता और दूसरे में गदा होगी, त...