रांची, जून 22 -- मुरहू, प्रतिनिधि। महर्षि मेंहीं आश्रम शबरी कुटिया शांतिपुरी मुरहू में चल रहे तीन दिवसीय सत्संग कार्यक्रम के दूसरे दिन रविवार को आध्यात्मिक उल्लास और भक्ति भाव की अदभुत झलक देखने को मिली। सैकड़ों श्रद्धालु सत्संग स्थल पर एकत्र हुए और संतों के प्रवचनों से लाभान्वित हुए। इस अवसर पर देशभर से आए संतों ने अध्यात्म, सत्य, भक्ति और सद्गुणों से परिपूर्ण जीवन का मार्ग बताया। भागलपुर कुप्पाघाट आश्रम के स्वामी प्रमोद जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि धूल के कण गिने जा सकते हैं, परंतु ईश्वर के नामों की कोई गणना नहीं की जा सकती। उसी में गुरु नाम भी शामिल है। उन्होंने समझाया कि ईश्वर किसी लिंग या स्वरूप में बंधे नहीं होते, वे सबके माता-पिता, सखा और स्नेही होते हैं। उन्होंने कहा कि जैसे मेहंदी में लाली, फूल में सुगंध और दूध में घी छिपा...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.