नई दिल्ली, मई 7 -- सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को निर्वाचन आयोग के एक प्रस्ताव को मान लिया। आयोग ने बीईएल और ईसीआईएल के इंजीनियरों से ईवीएम के बर्न मेमोरी और सॉफ्टवेयर की जांच करवाने का प्रस्ताव दिया था। जांच के बाद ये इंजीनियर प्रमाणपत्र देंगे कि ईवीएम में कोई छेड़छाड़ नहीं हुई। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ईवीएम में बर्न मेमोरी और सिंबल लोडिंग यूनिट (एसएलयू) के सत्यापन के लिए अपने फैसले के अनुपालन में याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। आयोग ने अपने हलफनामे में कहा कि वह ईवीएम पर मौजूद डाटा को नहीं मिटाएगा, जिसके लिए उम्मीदवारों ने सत्यापन की मांग की है। गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) 'एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स' (एडीआर) ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि ईवीएम के सत्यापन के लिए आयोग द्वारा तैयार की गई एसओपी ईवी...
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