अमरोहा, जून 16 -- कस्बे की इमामबारगाह दादे हिमायत अली में ईद-ए-गदीर के मौके पर नूरानी जश्न का आयोजन हुआ, जिसका आगाज गुलाम सैयदेन ने हदीसे किसा की तिलावत से किया। नाते रसूल डा. लईक हैदर ने पढ़ी। वफा हैदर, सुहैल अब्बास, रियाजुल हसन, मिसाल अब्बास, अम्मार हैदर, मुहम्मद अब्बास, गुलाम हैदर, जाफर अब्बास, शबीह हैदर, दावर अब्बास, फुरकान हैदर आदि ने मौला अली की शान में कलाम पढ़े। डा. कैसर हुसैन ने तकरीर में बताया कि 18 जिल्हिज्जा को आखरी हज से वापसी में अल्लाह के नबी हजरत मुहम्मद मुस्तफा ने खुम के मैदान में अल्लाह के हुक्म से हजरत अली को कायनात का मौला बनाया था। रसूल ने कहा था कि जिसका मैं मौला हूं, उसके अली भी मौला है। मौलाना कंबर अली ने दुआ कराकर जश्न का समापन किया। इस मौके पर तमाम लोग मौजूद रहे।

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