नई दिल्ली, जुलाई 20 -- मद्रास हाई कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की शक्तियों को लेकर अहम टिप्पणी की है। इसने कहा कि यह कोई घूमता हुआ गोला-बारूद या ड्रोन नहीं है जो अपनी मर्जी से कार्रवाई करे। न ही यह कोई सुपर कॉप है जिसे हर मामले की जांच करने का अधिकार मिला है। जस्टिस एमएस रामेश और वी लक्ष्मीनारायणन की खंडपीठ ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत ईडी की पावर को सीमित करने की बात कही। इसने आरकेएम पावरजेन प्राइवेट लिमिटेड की 901 करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट को फ्रीज करने के ईडी के आदेश को रद्द कर दिया। कोर्ट ने साफ किया कि पीएमएलए के तहत कार्रवाई तभी शुरू हो सकती है जब कोई निर्धारित अपराध (प्रीडिकेट ऑफेंस) और उससे उत्पन्न होने वाली अपराध की आय (प्रोसीड्स ऑफ क्राइम) मौजूद हो। यह भी पढ़ें- भारत ने किराना हिल्स पर किया था हमला, यहीं पर है...