सुपौल, जून 16 -- सुपौल । महावीर चौक पर पिछले करीब चार दशक से हमारी दुकान चल रही थी। इसी दुकान के सहारे हमारे लगभग एक दर्जन सदस्यों के परिवार का भरण-पोषण हो रहा था। आज एकाएक प्रशासन ने इसे ध्वस्त कर दिया। यह कहना था सहानी खातून का। 45 वर्षीय सहानी ने बताया कि उनकी मां मसोमात मेहरुन निशा के नाम पर यह दुकान रजस्टिर्ड थी। जब से होश संभाला था पिता को इसी दुकान के सहारे घर-परिवार चलाते देखा था। आज भी इसी दुकान के भरोसे पूरे परिवार की रोजी-रोटी चलती थी। यह दुकान अब नहीं रही। अब हमारे परिवार का भरण-पोषण कैसे होगा। हमारी दुकान में स्कूली बच्चों के लिए स्कूल बैग व स्टेशनरी समेत अन्य सामानों की बक्रिी होती थी। कमाई ज्यादा तो नहीं थी, लेकिन परिवार का पेट भर जाता था।

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