नई दिल्ली, अगस्त 8 -- सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज प्रशांत कुमार मामले में की गई टिप्पणियों को हटा दिया। शीर्ष अदालत ने एक दीवानी मामले में आपराधिक कार्यवाही की अनुमति देने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज की आलोचना की थी। शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि उसका उद्देश्य जस्टिस कुमार को शर्मिंदा करना या उन पर आक्षेप लगाना नहीं था। न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने शुक्रवार को कहा कि यह टिप्पणी केवल न्यायपालिका की गरिमा बनाए रखने के लिए की गई थी। पीठ ने कहा कि हम एक बार फिर कह रहे हैं कि हमने अपने आदेश में जो कुछ भी कहा, वह यह सुनिश्चित करने के लिए था कि न्यायपालिका की गरिमा और प्राधिकार इस देश के लोगों के मन में सर्वोच्च स्थान पर बने रहें। यह केवल संबंधित जज द्वारा कानूनी बिंदुओं या ...