संतकबीरनगर, जून 1 -- हिन्दुस्तान टीम, संतकबीरनगर। जिले में रेबीज वाले जानवरों की तादाद लाखों में है। जिले में प्रतिदिन सौ से अधिक लोगों को ये जानवर काट लेते हैं। जिन व्यक्तियों को ये जानवर अपना शिकार बनाते हैं। उन्हें एंटी रेबीज का वैक्सीन लगाया जाता है। बंदर और कुत्ता कभी गहरे जख्म दे देते हैं। ऐसे लोगों में रेबीज का वायरस तेजी से फैलने की आशंका होती है। शरीर के अंदर मौजूद रेबीज नर्व के माध्यम से मस्तिष्क में पहुंचता है और संक्रमित व्यक्ति में पागलपन का शिकार हो जाता है। पीड़ित व्यक्ति को बचाने के लिए रेबीज इम्युनोग्लोबुलिन तकनीकि से इलाज किया जाएगा। यह प्रणाली वायरस को फौरी तौर पर मार देगी। जिले में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत जिला चिकित्सालय में इसे लगाया जाएगा। इसके लिए मंडल मुख्यालय पर चिकित्सक को एक दिन का प्रशिक्षण भी दिया गया है। रेबी...
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