कौशाम्बी, फरवरी 9 -- सफर ए इमाम हुसैन की याद में शुक्रवार को करारी कस्बे के अंसारगंज मोहल्ले में कदीमी जुलूस निकाला गया। जुलूस अंजुमन ए अब्बासिया ने बरामद किया। जूलुस की शुरुआत तिलावत ए कुराने पाक से हुई। उसके बाद सोजख्वानी जनाब कौसैन और जनाब नजीर ने किया। मजलिस को खिताब मौलाना जमीन हैदर रिजवी ने किया।मौलाना सैयद जमीर हैदर रिजवी ने कहा कि 20 रजब सन् 60 हिजरी को जब मुआविया की मौत हो गई और यजीद ने खुद को मुसलमानों का खलीफा घोषित कर दिया। इमाम हुसैन (अ.स ) हजरत मोहम्मद (स.अ) के नवासे थे और यह कैसे संभव था कि वह यजीद जैसे जालिम और बदकार को खलीफा मान लेते। इमाम हुसैन ने नेकी की दावत देने और लोगों को बुराई से रोकने के लिए अपना पहला सफर मदीने से मक्का का 28 रजब को शुरु करने का फैसला किया। कहा कि यह सफर दुनिया के लिए नहीं था बल्कि नाना रसूल अल्ला...