रुडकी, जून 30 -- मित्रता की जो मिसाल हजरत हबीब इब्ने मजाहिर ने कायम की वह कयामत तक जिंदा रहेगी। कठिन समय में इमाम हुसैन ने तीन मुहर्रम को अपने बचपन के साथी 85 वर्षीय हजरत हबीब इब्ने मजाहिर को सहायता के लिए एक पत्र लिखकर बुलाया। अत्यंत वृद्ध अवस्था में भी हबीब ने मुहर्रम की 10वीं तारीख आशूरा के दिन जवां मर्दी के साथ युद्ध किया। लड़ाई में उन्होंने 62 दुश्मनों को मार डाला और वीरगति को प्राप्त होकर दोस्ती की एक मिसाल कायम की। उक्त विचार रविवार रात को इमामबाड़े में आयोजित कार्यक्रम में मजलिस को संबोधित करते मौलाना कमाल अब्बास रिज़वी छोलसी ने व्यक्त किए। मजलिस में अपने देश और देशवासियों के हित में दुआ के लिए हाथ उठाए गए। उन्होंने बताया कि दुनिया को इस समय इमाम हुसैन के आदर्शों पर चलने की जरूरत है। दुनिया में फैली अशांति और अन्याय को खत्म करने क...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.