चंदौली, जुलाई 1 -- चंदौली। नगर स्थित अजाखाना-ए-रजा में मुहर्रम के चौथी मजलिस आयोजित की गई। इस दौरान बच्चों ने मसायबी नौहे पढ़े। इससे मौजूद लोगों की आंखें छलछला उठीं। वहीं मजलिस में मुंबई से आए मौलाना मोहम्मद मेंहदी ने मजलिस को खिताब फरमाया। साथ ही करबला की दास्तान बयान की। इसके बाद देश में अमन और शांति के लिए दुआ मांगी गई। इस दौरान मौलाना मेहंदी हसन ने कहा कि मजलिसे हुसैन का मतलब सिर्फ इमाम हुसैन को याद करना नहीं। बल्कि उनकी शिक्षाओं को आत्मसात करना है। यही मुहर्रम का असली संदेश है। कहा कि खुदा को खुश करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि अपने मां बाप को खुश किया जाए। कुरान और हदीस के हवाले से मां बाप की अहमियत बयान करते हुए कहा कि वो मां बाप ही हैं जो बच्चों को उसके पैरों पर खड़ा होने में मदद करते हैं। दुनियां से उसका परिचय कराते हैं। इसलिए ...
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