सिद्धार्थ, जुलाई 3 -- डुमरियागंज, हिन्दुस्तान संवाद। डुमरियागंज क्षेत्र के जमौतिया स्थित हुसैनिया इमामबारगाह में मजलिस का आयोजन चल रहा है। मंगलवार की रात खिताब करते हुए मौलाना महफूज हुज्जत ने इमाम हुसैन व कर्बला के शहीदों का वाकया सुनाया। इसे सुनकर अकीदतमंदों की आंखें नम हो गईं। इस दौरान नौहा व मातम से माहौल और गमगीन हो गया। मजलिस की मर्सिया ख्वानी ज़र्रार हुसैन, दबीर हैदर, मजहर व रज़ा ने पढ़ी। मौलाना महफूज हुज्जत ने मजलिस में कहा कि हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने अपने नाना पैगंबर हजरत मोहम्मद मुस्तफा सलल्लाहो अलैह वसल्लम के दीन इस्लाम को बचाने के लिए उनके बताए गए रास्ते पर चलते रहे। मैदान-ए-कर्बला में वह अपनी व अपने 71 साथियों की अज़ीम कुर्बानी इसलिए दे दी ताकि दुनिया वालों के बीच इस्लाम की सही तस्वीर पेश कर सच्चाई व शांति का संदेश फैला...
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