रुडकी, जुलाई 6 -- शहादत की जो मिसाल हजरत इमाम हुसैन ने कर्बला के मैदान में पेश की उसकी नजीर कयामत तक नहीं मिल पाएगी। क्योंकि उनके द्वारा केवल किसी धर्म, समुदाय विशेष के लिए नहीं बल्कि पूरी मानव जाति की रक्षा के लिए अपनी व अपने साथियों की कुर्बानी राहे खुदा ने पेश की गई थी। यह बात मोहल्ला पठानपुरा स्थित बड़े इमामबाड़े पर मोहर्रम की मुख्य मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना कमाल अब्बास रिजवी छोलसी ने कही।

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