लखनऊ, जुलाई 6 -- जलसा लखनऊ, कार्यालय संवाददाता एक मिनारा मस्जिद अकबरी गेट में मरकजी जमीअतुल हुफ्फाज की ओर से दस रोजा शोहदाऐ किराम जलसों का आखिरी जलसा यौमे हुसैन हाफिज़ अब्दुल रशीद की सदारत में हुआ। जिसका आगाज तिलावते कुरआन पाक से हुआ। जलसे में मौलाना कारी मोहम्मद सिददीक ने कहा कि नफा नुकसान मौत व जिल्लत, इज्जत सब अल्लाह के हाथ में है। बगैर अल्लाह के हुक्म के एक पत्ती भी नही हिलती। मौलाना ने कहा कि हजरत हुसैन को कर्बला के मैदान में बड़ी बेदर्दी से शहीद किया गया। जिस को जमाना कभी भी फरामोश नहीं कर सकता। हजरत हुसैन जन्नत के सरदार हैं। हजरत हुसैन जन्नत का फूल हैं। हजरत हुसैन से सच्ची मोहब्बत यह है कि हुसैनी किरदार अख्तियार किया जाए। जलसे में मौलाना अब्दुल अली फारुकी ने कहा कि उम्मत तक दीन पहुंचाने वाले सहाबा किराम हैं और दुनिया में अल्लाह की ...