सुल्तानपुर, मार्च 16 -- बलदीराय संबाददाता। बल्दीराय तहसील क्षेत्र अंतर्गत चक्कारी भीट गांव में महफिल का आयोजन किया गया। पैगम्बर मोहम्मद के बड़े नवासे हजरत इमाम हसन के जन्मदिन के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसमें शायरों ने कलाम पेश कर खिराज ए अकीदत पेश किया। महफिल की तकरीर को संबोधित करते हुए आले अहमद सैफ ने कहा कि इमाम हसन 15 रमजान के दिन पैदा हुए। इसलिए इस तारीख पर महफिल का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि इमाम हसन का दस्तरखान मशहूर हुआ है। मदीने में 365 उनका दस्तरखान सजता था, जिस पर सिर्फ आम लोग ही नहीं गरीब भी पेट भरने पहुंचता था। मौलाना ने बताया कि इमाम हसन ने सुलह की है, उस वक्त शाम के बादशाह ने सुलह की पेश कश की। तो इमाम हसन ने सुलह नामा खुद तैयार कराया। जिसमें उन्होंने पहली शर्त ही यही रखी की हाकिम किताब यानी कुरआन ...