अयोध्या, नवम्बर 16 -- अयोध्या, संवाददाता। कुरान पढ़ना और समझना दो अलग-अलग पहलू हैं। जिन्होंने कुरान को नहीं समझा वह आतंकवादी बन गए और जो कुरान को पढ़ने के साथ उसको समझते हैं वह हुसैनी हैं। मदरसों में अगर कुरान पढ़ा जाता है तो मजलिस-ए-हुसैन में कुरान को समझने का अवसर मिलता है। यह बातें रविवार को इमामबाड़ा जवाहर अली खां में चालीसवें की मजलिस को खिताब करते हुए दिल्ली से आए मौलाना सुलतान कमर ने कहीं। मौलाना ने ईरान की ताकत और उसकी सैन्य शक्तियों का बयान करते हुए कहा कि जब फिलिस्तीन पर इजरायल हमले कर रहा था तो 56 मुस्लिम देश सो रहे थे। लेकिन ईरान ने आगे बढ़कर बेगुनाह फिलिस्तीनियों की मदद की और विश्व का सुपर पॉवर अमेरिका और इजरायल को धूल चटा दी। यह मजलिस ताजियादार कमेटी के पूर्व अध्यक्ष व इंटक नेता मुनीर आब्दी की पत्नी स्व.अहमदी फातिमा के चालीस...