साहिबगंज, मार्च 2 -- साहिबगंज। मुसलमानों का परहेजगार व इबादत का मुकद्दस महीना माह-ए-रमजाना में इबादत का दौर चल रहा है। इसमें नमाज रोजा, कुरआन की तिलावत के साथ-साथ गरीब व नि:सहाय लोगों की मदद करना भी एक सवाब(पुण्य) का काम है। माह-ए-रमजान में गरीबों की मदद जकात व फितरा के रूप में भी किया जाता है। मौलानाओं के अनुसार जहां जकात फर्ज है तो फितरा वाजिब है। मौलाना ने बताया कि सबसे पहले आसपास के लोगों का ख्याल करें। अगर आपके समाज मे कोई गरीब या जरूरतमंद है तो सबसे पहले उसकी मदद करें। रोजा व नमाज के साथ आसपास के लोगो का ख्याल रखना भी सवाब है। वही पेशइमाम ने लोगों को नसीहत देते हुए कहा कि जकात का पैसा जरूरतमंदों तक पहुंचाने की कोशिश करे। जबकि फितरा को लेकर पेश इमाम कहते है कि सदका-ए-फितर जान की सदका होती है। इसे अदा करना जरूरी है। फितरा बच्चे-बूढ़े स...
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