सिद्धार्थ, मार्च 13 -- सिद्धार्थनगर, हिन्दुस्तान टीम। शोहरतगढ़ कस्बा होली त्योहार पर इत्र की खुशबू से मन को मिलाने की परंपरा को सहेजे है। यह परंपरा 103 वर्षों से अधिक समय से चली आ रही है। इस परंपरा का गवाह श्रीराम जानकी मंदिर है। त्योहार खत्म होने के बाद शाम को मंदिर समिति होली मिलन समारोह का आयोजन करती आ रही है। इसमें बड़े-बुजुर्ग सभी शामिल होते हैं। इस दरमियान सभी के कपड़ों पर इत्र लगाकर प्रेम व सद्भाव का संदेश दिया जाता है तो वहीं पुरोहित का पत्रा सुन वर्षभर होने वाले शुभ कार्यों, लाभ-हानि के बारे में लोग जानकारी प्राप्त करते हैं। शोहरतगढ़ कस्बा त्योहारों पर चली आ रही परंपराओं को सहेजने में आगे है। यह कस्बा न सिर्फ पर्व को यादगार बनाता है, बल्कि बुजुर्गों की विरासत को सहेजने में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेता है। होली पर्व खत्म होने के बाद श्रीराम ज...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.