इटावा औरैया, मई 3 -- कंस के अत्याचारों से त्रस्त होकर पृथ्वी ने भगवान विष्णु से रक्षा करने की गुहार लगाई तब भगवान श्रीहरि ने वचन दिया कि वे स्वयं अवतार लेकर अधर्म का नाश करेंगे। उनके कृष्ण के रूप में अवतरण होने से धरती पर धर्म की पुनः स्थापना हुई। यह उद्गार कोठी कैस्त में जारी श्रीमद्भागवत कथा में व्यासपीठ पर विराजमान कथावाचक जितेंद्र शास्त्री ने कृष्णा जन्मोत्सव कथा श्रवण कराते हुए प्रकट किए। भगवान कृष्ण का जन्म होने पर पंडाल में मौजूद श्रद्धालुओं ने ''नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की'' जयघोष गुंजायमान करके वातावरण को भक्तिमय कर दिया। महिलाएं भक्ति गीतों पर झूम उठीं और फूलों की वर्षा कर भगवान कृष्ण का स्वागत किया।

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