इटावा औरैया, दिसम्बर 20 -- बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर टोल प्लाजा के पास खुले पड़े सेप्टिक टैंक में गिरकर तीन वर्षीय मासूम अर्पित की मौत के बाद आनन-फानन में ढक्कन रख दिए गए, लेकिन यह सावधानी पहले बरती गई होती तो मासूम की जान बच सकती थी। जिस सेप्टिक टैंक में गिरकर अर्पित की मौत हुई, उस पर निर्माण के बाद ढक्कन नहीं लगाया गया था। मृतक बालक के पिता विजय शौचालय में सफाई कर्मी के रूप में कार्यरत हैं, विजय ने बताया कि टैंक पर ढक्कन लगा होता तो उनका बेटा जीवित होता। आरोप लगाया कि निर्माण के समय टैंक के ढक्कन तैयार थे और मौके पर ही रखे हुए थे, लेकिन उन्हें लगाया नहीं गया। शुक्रवार को घटना के बाद देर शाम चोरी-छिपे टैंक पर ढक्कन रख दिए गए। स्थानीय लोगों और कर्मचारियों के मुताबिक एक नहीं बल्कि दो सेप्टिक टैंक खुले हुए थे, जिन पर अब ढक्कन लगा दिए गए हैं। ...