इटावा औरैया, नवम्बर 16 -- इष्टिकापुरी की पवित्र धरती रविवार को एक ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनी। जब 1108 कुण्डीय मृत्युंजय मां पीतांबरा महायज्ञ की पूर्णाहुति विधि-विधान से, सौम्य गरिमा और दिव्य माहौल के बीच सकुशल संपन्न हुई। सुबह से दोपहर तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। लोगों के धार्मिक भाव को देखकर यज्ञाधीश ने गुरुकुल खोलने की घोषणा की। रामदास महाराज ने इटावा की धर्मनिष्ठ और भावपूर्ण जनता को विशेष आशीर्वाद देते हुए कहा कि ऐसा विशाल और अद्वितीय आयोजन तभी सम्भव होता है जब जनता अपने नगर एवं धर्म के प्रति समर्पित भाव से खड़ी होती है। पूर्णाहुति के तुरंत बाद सद्गुरुदेव की परंपरा के अनुसार छोटी कन्या द्वारा पर्ची निकालकर अगले महायज्ञ के स्थान का निर्धारण किया गया, जिसमें अगला महायज्ञ जनपद फिरोजाबाद में संपन्न होने की घोषणा की गई। कार्यक्रम में य...