नासिक, अक्टूबर 17 -- आज का दिन भारतीय रक्षा इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गया। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की नासिक फैसिलिटी से लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस एमके-1ए ने अपनी पहली सफल उड़ान भरी। इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। Su-30 एमकेआई और एचटीटी-40 ट्रेनर विमानों की फ्लाई-पास्ट के बीच यह उड़ान न केवल एक तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान की जीत भी है। यह स्वदेशी योद्धा भारत की वायु सेना को कैसे नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा? आइए, इसकी पूरी कहानी को समझते हैं।एक लंबी संघर्षपूर्ण यात्रा का समापन तेजस का सफर आसान नहीं था। 1980 के दशक में शुरू हुआ यह प्रोजेक्ट मूल रूप से लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) के रूप में विकसित किया गया। लेकिन इसने कई चुनौतियों का स...
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