नई दिल्ली, मार्च 3 -- जीवन में एक अच्छा दोस्त मिल जाए तो काफी चीजें आसान हो जाती हैं। कभी खुशी हो तो दोस्त उसे दोगुना कर देते हैं तो वहीं कभी कोई दुख हो, तो अपने कंधे का सहारा दे देते हैं। एक अच्छा और सच्चा दोस्त मिलना वाकई नसीब की बात है क्योंकि ऐसे लोगों की कमी नहीं जो मुंह पर तो आपके दोस्त, आपके शुभचिंतक बनते हैं लेकिन उनसे बुरा शायद ही कोई आपके बारे में सोचता हो। ऐसे दोगले लोगों से दोस्ती करने से लाख गुना बेहतर है कि आप जीवनभर बिना दोस्त के ही गुजार दें। आचार्य चाणक्य ने जीवन के हर महत्वपूर्ण पहलू पर विस्तार से लिखा, जिसमें से एक दोस्ती भी है। उन्होंने अपनी नीति में ऐसे लोगों का जिक्र किया है, जिनसे दोस्ती करना खुद को विष देने के समान है। आचार्य ने इन लोगों की कुछ आदतों के बारे बताया है और इनसे कोसों दूर रहने की भी सलाह दी है। आइए जान...
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