बिजनौर, सितम्बर 6 -- दिगंबर जैन मंदिर में दशलक्षण पर्व के 10वें दिन पंडित हिमांशु जैन मुरैना वालों ने कहा कि इंद्रियों को वश में करना ही उत्तम ब्रह्मचर्य है। उत्तम ब्रह्मचर्य एक ऐसा व्रत है। जिसमें व्यक्ति अपने शारीरिक और मानसिक ऊर्जा को नियंत्रित करता है और उसे सकारात्मक कार्यों में लगाता है। ब्रह्मचर्य का अर्थ होता है 'ब्रह्म (ईश्वर) के चरणों में चलना या 'आत्म-नियंत्रण करना। ब्रह्मचर्य का पालन करने से शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, क्योंकि इससे व्यक्ति अपने शारीरिक ऊर्जा को नियंत्रित कर पाता है। मानसिक शांति और स्थिरता मिलती है, क्योंकि इससे व्यक्ति अपने विचारों और भावनाओं को नियंत्रित कर पाता है। ब्रह्मचर्य का पालन करने से आध्यात्मिक विकास होता है, क्योंकि इससे व्यक्ति अपने आत्मा को शुद्ध और पवित्र बना पाता है। पंडित हिमांशु के अ...
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