लखनऊ, जुलाई 10 -- डायरिया रोको अभियान की गुरुवार को इंदिरा नगर सीएचसी से शुरुआत हुई। मुख्य अतिथि एनएचएम की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवल ने प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि आज भी शून्य से पांच साल तक के बच्चों की मौत का प्रमुख कारण डायरिया है, जबकि दस्त की रोकथाम और इलाज पूरी तरह संभव है। इसलिए डायरिया से डरने की नहीं, बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है। डॉ. पिंकी ने कहा कि बच्चे को दिन भर में तीन या तीन से अधिक बार दस्त हो तो समझना चाहिए कि बच्चा डायरिया से ग्रसित है। ऐसे में उसको तत्काल ओआरएस का घोल देना चाहिए ताकि शरीर में पानी और नमक की कमी न होने पाए। सीएमओ डॉ. एनबी सिंह ने कहा कि बारिश और उमस में बच्चा डायरिया की चपेट में कई कारणों से आ सकता है। दूषित पानी पीने, गंदे हाथ से भोजन खाने या परोसने आदि से समस्या होती है।...