सिमडेगा, जुलाई 11 -- सिमडेगा, प्रतिनिधि। संसाधन और सुविधा का रोना रोकर कुछ नहीं करने वाले लोगों के लिए ओड़गा की स्मिता प्रेरणास्रोत है। जिले के अंतिम छोर ओडिसा राज्य के सीमा पर बसे ओडगा गांव की बेटी स्मिता नारी सशक्तिकरण का एक सशक्त उदाहरण है। स्मिता ने गरीबी के कारण प्लस टू करने के बाद अपनी पढ़ाई छोड़ दी और इसके बाद अपने भाईयों और परिवार को पालने पोसने के लिए खेतो की ओर रुख किया। स्मिता के द्वारा अपने खेत में अनानस की खेती की गई है। खेतो में उपजे अनानस भी जलडेगा के लोकल बाजार सहित रांची एवं राउरकेला के बाजार में खुब बिक रहे है। खाने वाले इसे बाहर से आने वाले अनानस से ज्यादा मिठा एवं स्वादिष्ट बता रहे हैं। युवती का पुरा नाम स्मिता हस्सा है। स्मिता ने बताया कि उन्होंने पहली बार अनानस की खेती की है। उन्होंने बताया कि बाजार में वे 60 रुपए प्...