रांची, अगस्त 25 -- रांची, विशेष संवाददाता। झारखंड के विभिन्न अंगीभूत कॉलेजों में वर्षों से अनुबंध पर कार्य कर रहे शिक्षकेतर कर्मचारियों ने अपनी सेवा स्थायी करने की मांग को लेकर आवाज बुलंद की है। कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने पूरी निष्ठा, ईमानदारी और परिश्रम के साथ पुस्तकालयाध्यक्ष, कंप्यूटर ऑपरेटर, नामांकन सहायक, प्रयोगशाला सहायक, लेखपाल, सफाईकर्मी, माली और इलेक्ट्रीशियन जैसे विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं, इसको देखते हुए उनका स्थायी नियोजन होना चाहिए। इनका आरोप है कि नई शिक्षा नीति-2020 लागू होने के नाम पर उनकी सेवाओं को समाप्त किया जा रहा है। जबकि, पूर्व की शिक्षा नीतियों (1968 और 1986) में किसी भी कर्मचारी को बेरोजगार नहीं किया गया था। कई कर्मचारी 5 से 20 वर्षों से कॉलेजों में कार्यरत हैं। अनुबंधकर्मी कर्मचारियों ने बताया कि ब...