बगहा, दिसम्बर 1 -- इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्राओं के लिए आगे की राह कठिन हो जाती है। प्रखंड में डिग्री कॉलेज नहीं रहने के कारण उन्हें उच्च शिक्षा पाने के लिए बेतिया, नरकटियागंज या बगहा जाना पड़ता है। यह आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए संभव नहीं हो पाता। पढ़ाई के लिए घर से दूर भेजने पर किराया, भोजन और अन्य खर्चों का बोझ उठाना अभिभावकों के लिए मुश्किल हो जाता है। दूसरी ओर बेटियों की सुरक्षा को लेकर अभिभावक चिंतित रहते हैं। कई अभिभावक चाहते हुए भी बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए शहरों में भेज नहीं पाते। सरकार की ओर से बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए चलाए गए कार्यक्रमों से गांव-टोलों की बच्चियां अब इंटर तक आ तो रही हैं, लेकिन डिग्री कॉलेज नहीं होने से उनकी ऊंची उड़ान अधूरी रह जाती है। माता-पिता का सपना टूट जाता है और ब...