नई दिल्ली, फरवरी 8 -- देशभर में बढ़ रहे डोपिंग और एज फ्रॉड यानी आयु धोखाधड़ी के मामलों पर लगाम लगाने के लिए खेल मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है। इंटरनेशनल मेडल जीतने वाले जूनियर एथलीटों को अब सरकार से नकद पुरस्कार नहीं मिलेगा। खेल मंत्रालय की यह बड़ी नीतिगत बदलाव 1 फरवरी को लागू हुआ जिसका उद्देश्य ऐसे मामलों को बढ़ने से रोकने के साथ "युवाओं की भूख को जीवित रखना" है। पुराने सिस्टम के अनुसार, जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाले एथलीट को लगभग 13 लाख रुपये मिलते थे, जबकि एशियाई या कॉमनवेल्थ गेम्स में शीर्ष स्थान पर रहने वाले एथलीट को 5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार मिलता था। खेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इस फैसले के पीछे एक प्रमुख कारक जूनियर प्रतियोगिताओं को विकासात्मक आयोजनों के रूप में बढ़ावा देना था, न कि इसे केवल पोडियम फ...
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