बलिया, अप्रैल 21 -- रामगढ़, हिन्दुस्तान संवाद। हुकुमछपरा गंगा घाट पर चल रहे श्रीलक्ष्मी नारायन महायज्ञ के पांचवें दिन आचार्य मोहित पाठक ने कहा कि यज्ञ में हवन कुंडों मे दी गयी आहुति से निकलने वाले पवित्र धूम (धुंआ) से यज्ञ स्थल ही नहीं, इसके कोसों दूर तक का वातावरण भी शुद्ध व पवित्र हो जाता है। मंत्रों की ध्वनि हृदय से श्रवण करने मात्र से मनुष्यों के पाप नष्ट हो जाते हैं। कहा कि यज्ञ अवधि के दौरान प्रतिदिन शाम को काशी की तर्ज पर गंगा आरती देखने और इसमें शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त होना सबके लिए सुखद है। कहा कि यज्ञ समापन के बाद भी गुरुकुलम के बटुकों द्वारा नित्य मां गंगा की आरती की जायेगी। भागवत कथावाचक आचार्य उत्कर्ष महाराज ने भक्त प्रह्लाद की कथा सुनायी। साथ ही भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया।
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