बागपत, मई 6 -- आम सोच है कि कुपोषण का शिकार सिर्फ गरीब लोग ही होते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि कुपोषण सिर्फ कम खाना खाने से नहीं होता। अगर खाने में सभी आवश्यक पोषक तत्व नहीं लिए जाएं, तो एक संपन्न परिवार का व्यक्ति भी कुपोषण की शिकार हो सकता है। आज की पीढ़ी फास्ट फूड और जंक फूड खाना ज्यादा पसंद करती हैं। परिणामस्वरूप उनके शरीर को आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल पाते। अभिभावक चिंता तो करते हैं पर एक समय के बाद वे चाहकर भी बच्चों की खानपान की आदतें नहीं सुधार सकते। नतीजा यह होता है कि ये छोटी-छोटी आदतें आगे चलकर बीमारी की बुनियाद बन जाती हैं। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ अभिनव तोमर के अनुसार, बदलते परिवेश ने हमारी जीवनशैली को तो प्रभावित किया है, लेकिन बचपन भी इससे अछूता नही है। इसके कारणों पर गौर किया जाए तो खानपान की बदलती आदतें बच्चों के पोषण पर प्रतिकूल...
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