गढ़वा, सितम्बर 23 -- केतार, प्रतिनिधि। जिला मुख्यालय से लगभग 65 किलोमीटर दूर पंडा नदी के तट पर पहाड़ की तलहट्टी में अवस्थित झारखंड के प्रसिद्ध शक्ति पीठों में शुमार मां चतुर्भुजी भगवती मंदिर आस्था व भक्ति का अनूठा संगम है। पौराणिक कथाओं के अनुसार सोनपुरा स्टेट के राजा को स्वप्न में भगवती की मूर्ति दिखाई दी थी। भगवती ने उन्हें अपने राज्य में स्थापित कर लोककल्याण के लिए दर्शन पूजन कराने का आदेश दिया। दूसरे दिन सुबह राजा ने स्वप्न वाले जगह पर अपने सैनिकों के साथ पहुंचकर भैंसहट घाटी (भगवती का उद्गम स्थल) पर खुदाई कराई। वहां मां भगवती की मूर्ति मिली। मां की मूर्ति को अपने हाथी पर लादकर घर के लिए चले। यह कथा प्रचलित है कि राजा जब केतार पहुंचे तब हाथी बैठ गया। काफी प्रयास के बाद भी जब हाथी नहीं उठा तो राजा ने पूरे विधि विधान के साथ मां की मूर्ति ...