अररिया, अक्टूबर 15 -- कुर्साकांटा, निज प्रतिनिधि। कुर्साकांटा प्रखंड के बखरी गांव स्थित मां दक्षिणेश्वर काली मंदिर असीम आस्था का केन्द्र बन हुआ है। मां के उपासकों की माने तो यहां जागृत काली के साक्षात वास है। असीम श्रद्धा व विश्वास के साथ मां के दरवार में जो भक्त मन्नतें मांगते हैं उनकी हर मुरादें अवश्य पूरी होती है। यहां आने वाले कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता है। यही कारण है कि यहां सालों भर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। बताया गया कि गांव में कोई भी शुभ काम शुरु होने से पहले माता के दरबार में जाकर पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लेते हैं। काली पूजा के मौके पर यहां की रौनकता देखते बनती है। पहला मूर्तिकार बनने का श्रेय जयबोध ठाकुर को जाता है। अब भी उनके द्वारा ही प्रतिमा बनाई जाती है। पहला पंडित बंशीधर ठाकुर हैं। अब भी ये ही पंडित है। जबकि स्थ...