छपरा, जुलाई 28 -- मढ़ौरा, एक संवाददाता। सारण के मढ़ौरा प्रखंड स्थित शिल्हौरी गांव में अवस्थित शिलानाथ मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि जन-जन की गहरी आस्था और पुरातन सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बन चुका है। यह मंदिर "नारद मोह भंग स्थल" के रूप में भी प्रसिद्ध है, जहां की मान्यताएं और कथाएं श्रद्धालुओं के हृदय में गहराई से रची-बसी हैं। नारद मोह भंग की धरती है शिल्हौरी देवर्षि नारद मोह भंग की पौराणिक कथा लोकश्रुतियों के अनुसार, शिल्हौरी वही पावन भूमि है जहां देवर्षि नारद का ब्रह्मचर्य भंग हुआ था। कहा जाता है कि प्राचीन काल में यहां शीलनिधि नामक राजा का राज्य था। जिनकी पुत्री विश्वमोहिनी को माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता था। विश्वमोहिनी की हस्तरेखा को देखने के लिए बुलाए गए नारद मुनि उसके सौंदर्य और भविष्यफल से इतने मोहित हो गए कि विवाह की ...