पिथौरागढ़, जुलाई 1 -- लंबे इंतजार के बाद शुरू हो रही कैलास मानसरोवर यात्रा में यात्रियों को लिपूलेख सीमा तक सड़क से पहुंचने की सुविधा तो मिलेगी, लेकिन इस मार्ग पर बने भूस्खलन जोन बड़ी चुनौती भी खड़ी करेंगे। उन्हें धारचूला से गुंजी तक 82 किमी सड़क में छह से अधिक भूस्खलन जोन से गुजरना पड़ेगा। मानसरोवर यात्री पहली बार धारचूला से लिपूलेख तक की दूरी वाहनों से तय कर शिवधाम पहुंचेंगे। धारचूला से गुंजी तक यह सड़क पिछले एक माह में 10 से अधिक बार भूस्खलन से बाधित हो चुकी है। आधार शिविर धारचूला से मांगती तक 28 किमी यात्रा वाहनों से करने के बाद पहले मानसरोवर यात्री छह से अधिक पड़ावों में रहकर पैदल चलकर लोग गुंजी पहुंचते थे। जबकि अब महज पांच से छह घंटे में यात्री इस दूरी को वाहनों से तय कर लेंगे। समुद्र सतह से 17 हजार 500 फीट से अधिक की ऊंचाई से होने ...