नई दिल्ली, नवम्बर 8 -- नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। सुप्रीम कोर्ट ने लावारिस कुत्तों को स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन से हटाकर डॉग शेल्टर होम (आश्रय स्थलों) पर पहुंचाने के आदेश दिए हैं। लेकिन दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की हकीकत यह है कि उसके पास फिलहाल एक भी डॉग शेल्टर तैयार नहीं है। निगम की इस कार्य प्रणाली और व्यवस्था पर पशु कल्याण के लिए काम करने वाले संगठनों और प्रतिनिधियों ने सवाल उठाए हैं। फिलहाल निगम के पशु चिकित्सा विभाग की टीम लावारिस कुत्तों को पकड़कर 20 बंध्याकरण केंद्रों में पहुंचाती है, जहां उनका बंध्याकरण और एंटी रेबीज टीकाकरण होता है। इसके बाद इन कुत्तों को उसी इलाके में दोबारा छोड़ दिया जाता है। कई पार्षदों का कहना है कि दशकों से निगम प्रशासन ने कभी स्थायी डॉग शेल्टर की व्यवस्था बनाने पर ध्यान नहीं दिया। नि...