गुड़गांव, जुलाई 26 -- गुरुग्राम, प्रमुख संवाददाता। स्वास्थ्य विभाग में गर्भवती महिलाओं को निजी अस्पतालों में ले जाकर डिलीवरी कराने का चलन एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है। सरकारी अस्पतालों से रोजाना चार से पांच मरीजों को निजी अस्पतालों में रेफर किया जाता है,लेकिन लिखित शिकायतें कम ही देखने को मिलती हैं। शुक्रवार को एक महिला ने आशा वर्कर पर बहला-फुसला कर निजी अस्पताल ले जाकर डिलीवरी कराने का आरोप लगाया है। मामले में प्रधान चिकित्सा अधिकारी (पीएमओ) डॉ. लोकवीर ने जांच के आदेश दिए हैं। ओम विहार निवासी अंशिका देवी ने अपनी शिकायत में बताया कि वह डिलीवरी के लिए सेक्टर-10 स्थित जिला अस्पताल गई थीं। हालांकि, अस्पताल पहुंचने पर एक आशा वर्कर उन्हें बहला-फुसलाकर एक निजी अस्पताल में ले गई। अंशिका देवी का आरोप है कि उन्हें बताया गया था कि निजी अस...