काशीपुर, दिसम्बर 22 -- काशीपुर, संवाददाता। ट्रेड यूनियन एक्टू से संबद्ध उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन ब्लॉक कमेटी की बैठक में आशा वर्कर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की मांग उठी। सोमवार को सरकारी अस्पताल परिसर में हुई बैठक में यूनियन की राज्य उपाध्यक्ष रीता कश्यप ने कहा यूनियन 2011 से आशा वर्कर्स के अधिकारों की लड़ाई लड़ रही है। यूनियन की प्रमुख मांग है कि आशा वर्कर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, जोकि वैध व सही मांग है। आशा वर्कर्स स्वास्थय विभाग के हर छोटे-बड़े काम करती हैं। हर नया फील्ड वर्क व सर्वे आशाओं को ही सरकार द्वारा सौंप दिया जाता है। अभी शासन-प्रशासन द्वारा सरकार के जनविरोधी कानून यूसीसी के तहत शादियों के रजिस्ट्रेशन कराने के काम भी आशाओं को सौंपे जा रहे हैं। प्रत्येक दिन 2 शादियों को रजिस्टर करवाने का काम सरकार...