संभल, मार्च 29 -- स्वास्थ्य विभाग के आठों ब्लॉकों की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व जिला अस्पताल में 16 सौ आशा बहुएं कार्यरत हैं। आशा कार्यकत्रियों की स्वास्थ्य विभाग में तैनाती का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण अंचलों तक गर्भवतियों, शिशुओं की सेहत की निगरानी है। गर्भवती व शिशुओं की नियमित जांच, टीकाकरण के लिए जागरूक करना और किसी बीमारी के मरीज बढ़ते हो तो, विभाग के उच्चाधिकारियों को इसकी सूचना देना भी आशाओं का मुख्य कार्य है। इसके अलावा समय समय पर चलने वाले अभियान की जिम्मेदारी भी आशाओं पर निर्भर रहती है। मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर, पोलियो अभियान, विटामिन ए जैसे कार्यक्रम आशआों की मेहनत पर ही चल पा रहे हैं। इससे काम का बोझ तो बहुत है, लेकिन कम प्रोत्साहन राशि मिलने का दर्द आशाएं झेल रही हैं। आशाओं का कहना है कि उनको स्वास्थ्य विभाग के नियमित ...