रामपुर, सितम्बर 24 -- विरासत के मामले में लापरवाही का आरोप लगने के बाद लेखपाल ने भी अपना स्पष्टीकरण पेश कर दिया है। अधिकारियों को दिए गए स्पष्टीकरण में उन्होंने कहा है कि कई मामलों में आवेदन ही नहीं किए गए तो विरासत दर्ज होने का मतलब ही नहीं बनता। कुछ मामलों में पहले ही विरासत दर्ज हो चुकी है जबकि कई लोग बेटियों की शादी के बाद विरासत दर्ज कराना चाहते हैं। गौरतलब है कि संपूर्ण समाधान दिवस में अधिवक्ता मनोज भारद्वाज ने लेखपाल सुमित सक्सेना की शिकायत की थी। आरोप लगाए थे कि लेखपाल विरासत दर्ज करने के मामले में हठधर्मिता करते हैं। उन्होंने तेरह नामों की सूची भी उपलब्ध कराई थी। इस मामले में लेखपाल सुमित का कहना है कि तेरह में कुछ मामलों की विरासत दर्ज हो चुकी है। एक मामले की विरासत उन्होंने दसवें से पहले ही दर्ज करा दी। अधिवक्ता मनोज भारद्वाज न...