कौशाम्बी, जून 3 -- मूरतगंज ब्लॉक की ग्राम पंचायत सैय्यद सरांवां के मजरा हिंगवाही में देश की आजादी के 76 वर्ष बाद भी विकास की अलख नहीं जल सकी है। योजनाओं के लाभ से महरूम ग्रामीणों को आज भी पगडंडी के सहारे ही गांव आना-जाना पड़ता है। इसके अलावा ग्रामीणों को पक्के मकान, शौचालय आदि की दरकार है। जिम्मेदारों के ध्यान नहीं देने से ग्रामीणों को न तो योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है और न ही सार्वजनिक सुविधाएं ग्रामीणों को मुहैया कराई जा रही हैं। मंच पर विकास की गंगा बहाने वाले जिले के जिम्मेदारों के लिए यह गांव कोरा तमाचा साबित हो रहा है। जनता के नमुाइंदों के साथ-साथ अफसर भी इस गांव की जिला बनने के बाद भी अनदेखी करते चले आ रहे हैं। सैयद सरावां ग्राम पंचायत के मजरा हिंगवाही गांव की आबादी ढाई से तीन सौ के करीब है। यहां के लोग खेती किसानी, पशुपालन एवं मजदू...
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