संभल, सितम्बर 18 -- रबी सीजन की आहट के साथ ही खेतों में हल चलने लगा है, किसान कमर कस चुके हैं आलू की बुवाई के लिए। लेकिन इस बार खेत की मिट्टी कम नहीं, बल्कि खाद को लेकर माथापच्ची ज़्यादा हो रही है। जनपद के करीब 1.5 लाख आलू उत्पादक किसान इस समय भारी असमंजस में हैं। उनकी मांग है - "32 कट्टे प्रति हेक्टेयर फास्फेटिक खाद चाहिए," लेकिन कृषि विभाग और प्रशासन की तरफ से आया जवाब सीधा-सपाट - "सिर्फ़ 7 कट्टे मिलेंगे!" किसान रामनिवास, जो पिछले 20 साल से आलू की खेती कर रहे हैं, बोले - अब भैया, सात कट्टे में तो आलू के बच्चे भी भूखे रह जाएंगे! वहीं एक अन्य किसान ने मज़ाक में कहा - "लगता है सरकार को फ्रेंच फ्राई खाने की जल्दी नहीं है, वरना खाद रोकेगी क्यों? गौरतलब है कि इफको और समितियों पर फास्फेटिक खाद की अभी तक पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो सकी है, जिससे क...