रांची, जुलाई 16 -- रांची, विशेष संवाददाता। राज्य के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम की जमानत याचिका रद्द करते हुए हाईकोर्ट ने कई टिप्पणी की है। अदालत ने कहा है कि कोर्ट के पास प्रथम दृष्टया यह मानने का कोई कारण नहीं है कि प्रार्थी अपराध की आय कहे जाने वाले धन प्रबंधन में शामिल नहीं है। जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि मामले में पर्याप्त सबूत हैं, जो आलमगीर आलम की मनी लॉन्ड्रिंग में संलिप्तता की ओर इशारा करते हैं। कोर्ट ने ईडी द्वारा दर्ज किए गए प्रोसिक्यूशन कंप्लेंट और विभिन्न अभियुक्तों व गवाहों के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि आलमगीर आलम का नाम कई दस्तावेजों और डायरियों में कमीशन के हिस्सेदार के तौर पर दर्ज है। कोर्ट ने यह भी कहा कि आर्थिक अपराधों में जमानत देने के मामले में अलग दृष्टिकोण अपनाने की ...