सीवान, जुलाई 14 -- रघुनाथपुर, एक संवाददाता। जिले में आर्द्रा नक्षत्र के आखिरी दिन भी निकल गया। लेकिन, बारिश की बौछार से लैस आर्द्रा नक्षत्र में भी धरती सूखी पड़ी है। जिले के किसान बारिश की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं। आर्द्रा नक्षत्र बारिश के लिए ही जाना जाता है। अगर समय से मानसून आया रहता और बारिश होती तो अब तक धान की रोपनी आधी हो ही गई रहती। किसानों के अनुसार यह सुखाड़ का लक्षण ही है। पिछले साल जून महीने में भदई की फसल लायक बारिश हुई। इससे जिले के किसानों को राहत मिली। हालांकि, जून महीने में अब तक 160 एमएम या उससे अधिक बारिश हो जाने चाहिए। लेकिन, आधी भी बारिश नहीं हुई। जुलाई का महीना तो बिन बारिश के ही बीत रहा है। किसानों की नजरें उमड़ते बादलों पर टिकी किसानों की नजरें अब आसमान में उमड़-घुमड़ रहे बादलों पर ही टिकी हुई हैं। खरीफ सीजन के ...