शिमला, मार्च 10 -- राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा है कि हिमाचल एक पहाड़ी राज्य है जहां राजस्व के स्रोत सीमित हैं और राज्य को केंद्र सरकार के अनुदानों पर अधिक निर्भर रहना पड़ता है। उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद से प्रदेश के राजस्व में भारी गिरावट आई है और इससे विकास कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। राज्यपाल सोमवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सदन को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने अपने एक घंटे 27 मिनट के अभिभाषण में कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद राज्य के आंतरिक करों में भारी कमी आई है और केंद्र से मिलने वाला मुआवजा भी जुलाई 2022 में समाप्त हो गया जिससे राज्य को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग द्वारा वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 11,431 करोड़ रुपये क...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.