एटा, अगस्त 30 -- पर्यूषण महापर्व के तीसरे दिन जैन धर्म के अनुयायियों ने उत्तम आर्जव धर्म का पालन कर सभी 24 तीर्थंकर भगवानों की पूजा-अर्चना करते हुए जैन शास्त्रों का वाचन किया। दिनभर चले धार्मिक अनुष्ठानों के बाद रात को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। नेमिनाथ जिनालय और बड़े जैन मंदिर समेत शहर के सभी जैन मंदिरों में प्रातः श्रावक, श्राविकाओं ने जिनअभिषेक, शांति धारा, मूल नायक पूजन, सोलहकारण पूजन, दस लक्षण पूजन एवं पंचमेरु पूजन किया। इसके बाद स्वयंभू स्तोत्र एवं तत्वार्थ सूत्र का वाचन किया गया। श्रावक यथा शक्ति उपवास, व्रत पुष्पांजलि व्रत, दसलक्षण व्रत कर अधिक से समय धर्म ध्यान कर पुण्यार्जन करते रहे। सायं काल नेमिनाथ जिनालय में आरके जैन ने प्रवचन के माध्यम से उत्तम आर्जव धर्म के बारे में बताया। आर्जव धर्म आत्मा की स्वाभाविक परिणति है, छ...