भागलपुर, अगस्त 31 -- नाथनगर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। कबीरपुर स्थित श्री चंपापुर दिगंबर जैन सिद्ध में चल रहे दसलक्षण महापर्व के तृतीय दिवस पर उत्तम आर्जव धर्म का पावन आयोजन बड़े भक्ति भाव के साथ किया गया। सुबह के समय मंगलमय घंटानाद और जयकारों के बीच प्रतिमाओं का अभिषेक एवं शांतिधारा की गई। श्रद्धालुओं ने पूजन, दर्शन और वंदन कर आत्मकल्याण का संकल्प लिया। पूरा परिसर जय जिनेंद्र के गगनभेदी उद्घोष से गूंज उठा। इस अवसर पर बड़ौदा से पधारे भरत साह ने कहा कि आर्जव धर्म का अर्थ है सरलता और निष्कपटता। जब मन, वचन और कर्म में कपट न हो और हृदय पूर्णतः निर्मल हो, तभी सच्चा आर्जव धर्म होता है। यह धर्म व्यक्ति को लोभ, छल और अहंकार से दूर रखता है और उसे सत्य, नम्रता व विश्वास के मार्ग पर अग्रसर करता है। पूरे दिन श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। ...